बनारस की बेटियों का अविष्कार / बीटेक की तीन छात्राओं ने बनाया 1200 रुपए में स्मार्ट ट्रैकर यूनिफार्म; बच्चों के गायब और किडनैप होने से बचाएगा

- नैनो डीपीएस टेक्नोलॉजी से लैस है यह डिवाइस, दो माह की मेहनत से किया गया तैयार
- दरवाजा पार करते ही मोबाइल नंबर पर भेजेगा लोकेशन, आठ घंटे का है बैट्री बैकअप
वाराणसी. बनारस की बेटियों ने एक ऐसा डिवाइस बनाया है, जो बच्चे के गुम होने या फिर अपहरण जैसी घटनाओं से बचाने में मदद करेगा। उन्होंने इस डिवाइस को नाम दिया है स्मार्ट ट्रैकर यूनिफार्म। बच्चा जैसे ही आपकी पहुंच से दूर होगा, इसका सिस्टम मोबाइल पर लोकेशन भेजेगा।
नैनो जीपीएस टेक्नोलॉजी से लैस इस डिवाइस को दो माह की मेहनत और 1200 रुपए खर्च से बनाया गया है। इसे बनाने वाली आरती, पूजा और संगीता बीटेक अंतिम वर्ष में पढ़ती हैं। वह अपने अविष्कार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक हिस्सा मानती हैं।
यूनिफार्म पर बार कोड देगा परिवार की डिटेल
आरती बताती हैं, ये 3 से 5 साल के बच्चे, जो ठीक से बोल नहीं पाते हैं उनके लिए खास है। ऐसे बच्चों के कपड़े पर बने बार कोड को स्कैन कर माता-पिता की पूरी डिटेल ले सकते हैं।
वह बताती हैं कि अगर कहीं वे गुम हो जाते हैं, तो उन्हें आसानी से ट्रैक किया जा सकता है। इसी तरह अगर बच्चे का अपहरण कर लिया जाता है तो बदमाशों तक पुलिस आसानी से पहुंच सकती है।
दरवाजा क्रॉस करते ही घर में बजेगा अलार्म
डिवाइस पैंट के अंदर फिट कर देते हैं। इसमें छात्राओं का बनाया नैनो सिम मॉडल लगा है। रिसीवर पैंट के अंदर डिवाइस में सेट है। इसका ट्रांसमीटर दरवाजे पर लगाए एक अन्य डिवाइस में फिट किया गया है। बच्चा जैसे ही दरवाजा क्रॉस करेगा घर के अंदर एलार्म बजेगा।
कुछ देर बाद पैरेंट्स के नंबर पर लोकेशन भेज देगा। इसका बैट्री बैकअप आठ घंटे का है। तीनों ही छात्राएं बनारस के सारनाथ रोड स्थित अशोका इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट में पढ़ती हैं।