अवसान/ पूर्व हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह का निधन, पद्मश्री सम्मान पाने वाले देश के पहले खिलाड़ी थे

- पिछले दो हफ्ते से मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती थे, 96 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- वे अच्छे खिलाड़ी होने के साथ-साथ मेंटर भी थे
- इलाज के दौरान उन्हें तीन बार दिल का दौरा भी पड़ा था, वे 18 मई से कोमा में थे
चंडीगढ़. हॉकी के महान खिलाड़ियों में शामिल बलबीर सिंह सीनियर का सोमवार सुबह करीब 6 निधन हो गया। वे 96 वर्ष के थे। पूर्व ओलिंपियन को 8 मई को निमोनिया और तेज बुखार की शिकायत के बाद मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उन्हें तीन बार दिल का दौरा भी पड़ा। दिमाग में खून का थक्का जमने की वजह से वे 18 मई से कोमा में थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, खेल मंत्री किरण रिजिजू सहित हॉकी इंडिया ने भी पूर्व ओलिंपियन बलबीर सिंह के निधन पर दुख जताया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बलबीर सिंह न सिर्फ अच्छे खिलाड़ी थे, लेकिन बतौर मेंटर भी उन्होंने अपनी छाप छोड़ी थी। उन्हें पूरा देश उनके खेल के लिए याद रखेगा। उन्होंने कई मौकों पर देश का सम्मान बढ़ाया।
Padma Shri Balbir Singh Sr. Ji will be remembered for his memorable sporting performances. He brought home lots of pride and laurels. Undoubtedly a brilliant hockey player, he also made a mark as a great mentor. Pained by his demise. Condolences to his family and well wishers.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 25, 2020
खेल मंत्री किरण रिजिजू ने ट्वीट किया- भारत के महान हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह के निधन से गहरा दुख हुआ। मैं उनको श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।
Pained to learn about the demise of Padma Shri Balbir Singh Sr ji, a legendary hockey player, who left indelible imprint on world hockey with his stick.
I was fortunate to have met the lively and joyful Balbir ji, a three time Olympic gold medalist. My condolences to his family. pic.twitter.com/rgQFi3yB8V
— Amit Shah (@AmitShah) May 25, 2020
टूटे हाथों से हॉकी खेल कर ओलिंपिक के फाइनल में पाकिस्तान को दी थी पटखनी
1956 में हुए मेलबर्न ओलिंपिक के दौरान बलबीर सिंह टीम के कप्तान थे। तब पहले मैच के दौरान उनकी हाथ की हड्डी टूट गई थी। बलबीर सिंह की दहशत इतनी थी कि कोच ने इसे बनाए रखने के लिए उनकी चोट के बारे में किसी को नहीं बताया। वे फाइनल में दर्द के बावजूद खेलते रहे और पाकिस्तान के खिलाफ टीम को जीत दिला दी। बलबीर सिंह के नाम ओलिंपिक के फाइनल में सबसे ज्यादा गोल करने का भी रिकॉर्ड है, जो आज भी कायम है। उन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलिंपिक के फाइनल में नीदरलैंड्स के खिलाफ 5 गोल किए थे। भारत ने यह मुकाबला 6-1 से जीता था।

तीन बार के ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट
इस पूर्व ओलिंपियन को 1957 में पद्मश्री दिया गया था। वह यह सम्मान हासिल करने वाले पहले खिलाड़ी थे। वे 1975 में इकलौता हॉकी वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम के मैनेजर थे। बलबीर सिंह ने भारत के लिए 61 मैच में 246 गोल किए थे। वे लंदन (1948), हेलसिंकी (1952) और मेलबर्न (1956) ओलिंपिक में गोल्ड जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। उन्हें अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक कमेटी ने आधुनिक ओलंपिक इतिहास के 16 महानतम खिलाड़ियों में शामिल किया था। वे इस लिस्ट में शामिल होने वाले देश के इकलौते खिलाड़ी थे।
लंदन ओलिंपिक के 1948 में हुए फाइनल पर बन चुकी है फिल्म
1948 के लंदन ओलिंपिक में भारत ने ब्रिटेन को हराकर गोल्ड मेडल जीता था। इस फाइनल में बलबीर सिंह ने दो गोल किए थे। भारत ने यह मैच 4-0 से जीता था। 2018 में इस घटना पर ‘गोल्ड’ फिल्म बनी थी। अक्षय कुमार ने इस फिल्म में तपन दास का रोल निभाया था।
Saddened to hear about the demise of hockey legend #BalbirSingh ji. Have had the good fortune of meeting him in the past, such an amazing personality! My heartfelt condolences to his family 🙏🏻 pic.twitter.com/knjOq7VEav
— Akshay Kumar (@akshaykumar) May 25, 2020